मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये। जब सामने वाला हमारा नाम से भागने लगते हैं !!!!!! धर्मवीर भारती : अपनी https://hindishayri.godaddysites.com/f/shayari-in-hindi---%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80