सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!... अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa